नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति अल्मोड़ा की छमाही बैठक संपन्न

अल्मोड़ा। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में हिंदी में कार्य करने का भरसक प्रयत्न करने की बात…

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अल्मोड़ा। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में हिंदी में कार्य करने का भरसक प्रयत्न करने की बात पर जोर दिया गया। बैठक में डाॅ0 पवन कुमार अग्रवाल, सहायक महानिदेशक (एन.ए.एस.एफ), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली मुख्य अतिथि थे।

बैठक में अल्मोड़ा नगर के केन्द्रीय सरकार के विभाग, कार्यालयों, उपक्रमों, सशस्त्र बलों एवं राष्ट्रीयकृत बैंको के अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम की शुरूवात करते हुएं नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य सचिव तेज बहादुर पाल ने विगत छह माह की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।

मुख्य अतिथि डाॅ0 पवन कुमार अग्रवाल ने सभी आंगतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि किसी भी कार्य की आवश्यकता के मध्येनजर ही उस कार्य को किया जाता है। कहा कि हिन्दी की आवश्यकता को समझते हुए हिंदी में कार्य करने का भरसक प्रयत्न करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सन् 1918 में महात्मा गाँधी जी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा होना गौरव का विषय बताया। उन्होंने हिंदी में कार्य करने को प्रोत्साहन देने तथा हिन्दी के प्रकाशनों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की बात कही। कहा कि बेवसाइट पर ऐसे ऐप विकसित किये जाने चाहिये जिससे कम्प्यूटर पर हिन्दी के प्रयोग को सरल किया जा सके।

नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष एवं विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डाॅ. अरूणव पट्टनायक ने सभी आंगतुकों का स्वागत एवं आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम सब का कत्र्तव्य हैं कि राजभाषा हिन्दी का अधिकाधिक प्रयोग किया जाय। उन्होंने अंनुसंधान के क्षेत्र में हिन्दी भाषा के महत्व को उजागर किया।

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इस अवसर पर भारत संचार निगम लि. के महाप्रबंधक अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि राजभाषा अधिनियमों का अनुपालन करना हमारा कत्र्तव्य है। इसमें कोई तकनीकी परेशानियां नहीं है तथा कम्प्यूटर में भी हिंदी के साफ्टवेयर उपलब्ध है। राजीव अरोरा, क्षेत्रीय प्रबंधक, स्टेट बैंक आफ इंडिया, क्षेत्रीय व्यवसाय कार्यालय, अल्मोड़ा ने कहा कि हिंदी के प्रयोग को धरातल पर क्रियान्वित करना मुश्किल तो है लेकिन प्रयास से इसे भी सम्भव किया जा सकता है। सभी नागरिकों का यह कर्तव्य है कि वे हिंदी को बढ़ावा देने के लिए सदैव प्रयासरत रहे। कार्यक्रम का संचालन तेज बहादुर पाल एवं धन्यवाद प्रस्ताव प्रशासनिक अधिकारी एच.एल. मीणा ने किया।