चीन में ढांचागत विकास की ऊंचाईया और भारत,पढ़ें पूरी खबर

उत्तराखंड सेवा निधि में स्वर्गीय ​बीडी पांडे स्मारक व्याख्यान में मामलों के जानकार मुक्तेश पंत ने रखे विचार अल्मोड़ा। उत्तराखंड सेवा निधि पर्यावरण संस्थान में…

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उत्तराखंड सेवा निधि में स्वर्गीय ​बीडी पांडे स्मारक व्याख्यान में मामलों के जानकार मुक्तेश पंत ने रखे विचार

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अल्मोड़ा। उत्तराखंड सेवा निधि पर्यावरण संस्थान में नवम बीडी पांडे स्मृति व्याख्यान में इस बार चीन और भारत के बुनियादी ढांचे के विकास पर चर्चा की गयी। मामलों के जानकार मुक्तेश पंत ने भारत और चीन में बुनियादी ढांचे का विकास विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि चीन में ​ढांचागत विकास की रूपरेखा दीर्घकालीन होती है। वहां भीड़ और जनसंख्या दबाव से बचने के लिए हाई टैक्नोलॉजी का सहारा लिया गया। उन्होंने कहा कि भारत में भी ढांचागत विकास तेजी से हो रहे हैं लेकिन दीर्घकालीन परिकल्पनाएं यहां भी बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक उदाहरण से इसे समझा जा सकता है। किसी नई जगह पर निर्माण के लिए चीन ने प्रभावितों को पांच सौ वर्ग फिट का भूखंड,डेढ लाख डालर का मुवावजा, 300 डालर प्रतिमाह धनराशि दी जिससे लोगों में नाराजगी नहीं रही। उजाड़ने या जबरन अधिग्रहण जैसी बात ही नहीं आई। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों जगह करीब एक लाख 20 हजार किमी रेलवे ट्रेक है जबकि चीन की रेलवे स्पीड 340 किमी प्रति घंटा पहुंच चुकी है और भारत की अभी भी 160 किमी प्रति घंटा है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या दबाव कम करने के लिए चीन ने अपने यहां हूको एक प्रकार का परमिट जारी किया है। इससे एक स्थान पर काम करने वाला बिना जानकारी दिए दूसरी जगह काम नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि चीन ने इंफ्रास्टक्चर विकास में काफी प्रग​ति की है और आम नागरिकों की बात कही जाए तो चीन के लोगों में भारत के प्रति काफी सम्मान है। उन्होंने विकास के लिए लंबी और दीर्घकालीन प्लानिंग की जरूरत जताई। मूल रूप से अल्मोड़ा निवासी और साहित्कार गौरा पंत शिवानी के पुत्र मुक्तेश ने लोगों के सवालों के जबाब भी दिए। कार्यक्रम में सेवानिधि के डा.ललित पांडे,पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी, रंजन जोशी, डा.आरएस रावल, पीसी तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार सुमन दूबे, राधा बहिन, डीके जोशी, डा. दीवान नगरकोटी, अनिल कार्की, एसडीएम विवेक राय, हेम तिवारी सहित अनेक लोग मौजूद थे।