तो क्या खत्म होगे जिला विकास प्राधिकरण

विधानसभा में भी गूंजा जिला विकास प्राधिकरण का मुददा कांग्रेस विधायक करन माहरा ने उठाया इसके औचित्य पर सवाल देहरादून। पर्वतीय क्षेत्रों में जिला विकास…

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विधानसभा में भी गूंजा जिला विकास प्राधिकरण का मुददा

कांग्रेस विधायक करन माहरा ने उठाया इसके औचित्य पर सवाल

देहरादून। पर्वतीय क्षेत्रों में जिला विकास प्राधिकरण लागू होने के बाद हो रही परेशानी

 

 

 

का मसला गुरूवार को विधानसभा में भी गूंजा।
उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यह मुददा उठाते हुए कहा कि इससे पर्वतीय क्षेत्रों में प्राधिकरण के मानक अव्यहारिक है। और लोगों को अपने भवन के निर्माण में काफी दिक्क्ते आ रही हैै। यहा तक कि दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को नक्शा पास करने के लिये कई विभागों से अनापत्ति लेनी पड़ रही है। लोग अपने पुराने भवनों की मरम्मत तक नही करा पा रहे है। लोगों को लेबर सेस के नाम पर धनराशि जमा करनी पड़ रही है। और नक्शा पास कराने का शुल्क भी काफी ज्यादा है। श्री माहरा को इस मुददे पर अल्मोड़ा के विधायक व विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान सहित कई भाजपा विधायकों का बखूबी साथ मिला। सभी ने इसे अव्यवहारिक बताया। विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि प्राधिकरण के बनने से लोगों को दिक्कते आ रही है।

जबाब में आवास और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि प्राधिकरण द्धारा भावन निर्माण पर कोई शुल्क नही लिया जा रहा है अलबत्ता सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार लेबर सेस लिया जा रहा है। और लाख से अधिक लागत वाले भवनों पर एक प्रतिशत लेबर सेस लिया जा रहा है।

श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने भी सरकार का बचाव करने का प्रयास किया। लेकिन मंत्रियों के जबाब से नाखुश प्रतिपक्ष के विधायकों ने इस मसले पर पीठ से हस्तक्षेप की मांग की। जबाब में पीठ ने इस पर दुबारा सर्वे कराकर लागू करने को कहा। और दुबारा सर्वे के बाद ही प्राधिकरणों का गठन करने को कहा।

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जिला विकास प्राधिकरण के गठन के खिलाफ आक्रोशित लोग (फाइल फोटो )

अल्मोड़ा के पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने कहा है कि जिला विकास प्राधिकरण से हो रही परेशानियों को सरकार को समझना चाहिेये। उन्होने कहा कि इस मुददे पर उनकी कांग्रेस के विधायकों से चर्चा हुई थी और उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने इस मुददे को उठाकर पर्वतीय जनमानस की पीड़ा को सरकार तक पहुचानें का कार्य किया है। श्री जोशी ने कहा कि सरकार को प्राधिकरण को भंग कर देना चाहिये।

गौरतलब है कि नगर पालिका चुनावों में जिला विकास प्राधिकरण एक बड़ा मुददा रहा था और सत्ताधारी पार्टी को छोड़कर सभी राजनैतिक दल और सामाजिक, राजनैतिक संगठन इसके विरोध में लंबे समय से आंदोलित है।