जलागम प्रबंधन (Watershed management) के व्यापक आयामों पर कार्य करने की जरूरत: अविनाश मिश्रा

पंडित जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान में हुई एक वेबीनार में जल संकट को देखते हुए जलागम प्रबंधन (Watershed management) के व्यापक आयामों पर…

Watershed management

पंडित जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान में हुई एक वेबीनार में जल संकट को देखते हुए जलागम प्रबंधन (Watershed management) के व्यापक आयामों पर कार्य करने की जरूरत जताई।

अल्मोड़ा, 03 मार्च 2021- पंडित जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान में हुई एक वेबीनार में जल संकट को देखते हुए जलागम प्रबंधन (Watershed management) के व्यापक आयामों पर कार्य करने की जरूरत जताई।


इस अवसर पर भारत सरकार नीति आयोग भूमि और जल के सलाहकार अवनीश मिश्रा ने कहा कि देश में जल संकट के समाधान के लिए किए जा रहे विभिन्न वैज्ञानिक प्रयास उम्मीदों से भरे हैं।

Watershed management

जल वैज्ञानिक और शोधार्थियों को स्प्रिंगसेड विकास अवधारणा को जलामग नीति (Watershed management) से जोड़कर बनाई जा रही नवीन नीति में सुझाव देने हैं। हिमालयी राज्यों का जल संकट पूरे देष से जुड़ा संकट है।

गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी में आयोजित दो दिवसीय वेबीनार का शुभारंभ अवसर पर संस्थान के निदेशक डाॅ आरएस रावल ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया।

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राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन के तहत संचालित राज्य सरकार परियोजना के तहत भारतीय हिमालयी राज्यों में जलस्रोत आधारित नदियों के पुनर्रूद्धार विषय पर आधारित इस वेबीनार को अल्मोड़ा जिला प्रशासन अल्मोड़ा और रूद्रप्रयाग ने भी प्रतिभाग किया।


जिलाधिकारी अल्मोड़ा नितिन भदौरिया ने कोसी जलागम क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने हिमालयी राज्यों में जलस्रोतों पर आधारित नदियों के जलसंकट के अध्ययन (Watershed management) को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि नीति आयोग सहित भारत सरकार इस पर गंभीरता से कार्य कर रही है।

वक्ताओं ने कहा कि हिमालयी राज्यों में 285 विकासखण्ड जलसंकट से जूझ रहे हैं और हिमालयी राज्यों के भूगोल, अकारिकी और जलस्रेात्तों के आकड़ों का अभी अभाव है, जिसे जुटाने की आवष्यकता है जिससे इस दिशा में Watershed management को ठोस नीतियां व कार्य योजनाएं बनाई जा सके।


इस दो दिवसीय वेबीनार में अल्मोड़ा जिलाधिकारी नितिन भदौरिया, रूद्रप्रयाग जिलाधिकारी मनुज गोयल ने भी जलस्रोतों के संरक्षण और नदियों के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों का व्यौरा दिया।

संस्थान से नोडल अधिकारी इं. किरीट कुमार, डाॅ वसुधा अग्निहोत्री, इंजीनियर आषुतोष तिवारी, इं. वैभव गोसावी, सीडीओ अल्मोड़ा नवनीत पाण्डे, आदि ने इस वेबीनार में अपने विचार रखे।

आईआईएफएम भोपाल के प्रो. संदीप ताम्बे, वाडिया भूगर्भ विज्ञान संस्थान देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ एस. के भरथरिया, एक्वाडेम के डाॅ हिमाषु कुलकर्णी, पीएसआई के निदेशक प्रो. इंद्र सेन, ग्राम्या से डाॅ एस के उपाध्याय, डाॅ नुजहत काजी, जर्मनी से जैकलिन एलासी, नौला फाउण्डेशन के विषन सिंह आदि ने इस वेबीनार में अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर डाॅ वसुधा अग्निहोत्री व इं आषुतोष तिवारी ने जलस्रोत संरक्षण व इसपर आधारित नदियों के पुनर्रूद्धार पर किए जा रहे कार्यों पर अपनी प्रस्तुतियां दी। वेबीनार बीते दिवस मंगलवार को समाप्त हुआ।

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