उत्तराखंड में इस साल प्राकृतिक आपदा ने लील ली 62 लोगों की जान…33 घायल व 4 लोग लापता

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62 people lost their lives in Uttarakhand this year, आपदा

देहरादून, 22 अगस्त 2020 वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के साथ ही इस साल प्राकृतिक आपदा ने उत्तराखंड के कई जिलों में जबर्दस्त कहर बरपाया. वर्ष 2020 में अब तक 62 लोग काल के मुंह में समा गए जबकि 33 लोग घायल हुए है और 4 लोग लापता चल रहे है.

गौरतलब है कि उत्तराखंड के कई जिलों में जान—माल का भारी नुकसान हुआ है. पिथौरागढ़ जिले के तहसील बंगापानी के गैला, पत्थरकोट, बाता, टांगा एवं सिरतोल में इस साल तबाही की ऐसी तस्वीरें सामने आई ​जिसे व्यक्ति लंबे समय तक भूल नहीं सकता. मलबा आने से इन क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है.

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आपदा कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने आपदा की दृष्टि से सभी जनपदों के जिलाधिकारियों व अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए. सीएम ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जन हानि में उनके परिवारजनों को 3 दिन के अन्दर अनुमन्य सहायता राशि उपलब्ध कराई जाय.

सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने जानकारी दी कि जनवरी 2020 से प्राकृतिक आपदा के कारण राज्य में 62 लोगों की मौत हुई है, 33 घायल हुए जबकि 4 लोग लापता हैं.

इसके अलावा 357 छोटे एवं बड़े पशुओं की हानि हुई है. 237 भवन तीक्ष्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए. मानसून के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग भी क्षतिग्रस्त हुए, राष्ट्रीय राजमार्गों को अधिकतम 24 घण्टों के अन्दर सुचारू कर दिया गया.

सचिव ने कहा कि आपदा मोचन निधि में भारत सरकार से वित्तीय वर्ष 2020-21 प्रथम किश्त के रूप में राज्य सरकार को 468.50 करोड़ रुपये का मानकीकरण किया गया है. जिलाधिकारियों को 103 करोड़ रुपये का एसडीआरएफ का बजट आवंटन किया गया एवं आपदा से संबंधित कार्यों के लिए अन्य विभागों को 189.88 करोड़ रुपये के एसडीआरएफ बजट का आवंटन किया गया.

इस अवसर पर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव अमित नेगी, डॉ. पंकज पाण्डेय, आईजी संजय गुंज्याल एवं वीसी के माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद थे.

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