राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के लागू होने के बाद अब पहली कक्षा में प्रवेश के लिए बच्चे की उम्र न्यूनतम छह वर्ष पूरी होनी आवश्यक होगी। पहले इस नियम में कुछ छूट दी गई थी, लेकिन अब इसे पूरी तरह अनिवार्य कर दिया गया है। इसी के तहत, नर्सरी में प्रवेश के लिए बच्चे की उम्र कम से कम तीन वर्ष होनी चाहिए।
शहर के निजी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन कई अभिभावकों को इस नए नियम की जानकारी नहीं है। वे अपने ढाई साल के बच्चों को नर्सरी में प्रवेश दिलाने के लिए स्कूलों के चक्कर काट रहे हैं। कुछ निजी स्कूल नियमों को नजरअंदाज कर कम उम्र के बच्चों का एडमिशन कर रहे हैं, जिससे बाद में बच्चों का साल खराब होने की आशंका है। अगर कोई बच्चा ढाई साल में नर्सरी में दाखिला लेता है, तो कक्षा 1 तक पहुंचने पर उसकी उम्र छह वर्ष पूरी नहीं होगी, जिससे उसे दोबारा कक्षा दोहरानी पड़ सकती है।
इसके विपरीत, कुछ स्कूल संचालक नियमों का पालन कर रहे हैं और अभिभावकों को सही जानकारी देकर तीन साल से पहले एडमिशन न लेने की सलाह दे रहे हैं। शिक्षा विभाग ने भी अभिभावकों को सतर्क रहने और स्कूलों द्वारा नियमों के सही पालन पर ध्यान देने की अपील की है।