स्याही देवी-शीतलाखेत का वनाग्नि प्रबंधन मॉडल को जानने पहुँचा बद्रीनाथ वन प्रभाग से 47 सदस्यीय दल

अल्मोड़ा:: वनाग्नि प्रबंधन हेतु स्याहीदेवी- शीतलाखेत मॉडल को उत्तराखंड प्रदेश में लागू किये जाने के राज्य सरकार के निर्णय के क्रम में बद्रीनाथ वन प्रभाग…


अल्मोड़ा:: वनाग्नि प्रबंधन हेतु स्याहीदेवी- शीतलाखेत मॉडल को उत्तराखंड प्रदेश में लागू किये जाने के राज्य सरकार के निर्णय के क्रम में बद्रीनाथ वन प्रभाग से 47 सदस्यों का एक दल कल रात शीतलाखेत पहुंच गया है।
इस दल में 41 वन सरपंच और 7 वन कर्मचारी शामिल हैं।दल का नेतृत्व श्री विकास उप प्रभागीय वनाधिकारी,बद्रीनाथ कर रहे हैं।
दल को सुबह ग्रामीणों तथा वन विभाग के संयुक्त प्रयासों से विकसित एएनआर क्षेत्र का भ्रमण कराया गया। बताया गया कि यदि किसी भी वन क्षेत्र को आग से सुरक्षित रखा जाये तो उस क्षेत्र में प्राकृतिक पुनरोत्पादन से , बिना पौधरोपण के जंगल विकसित हो जाता है। इसके अलावा भ्रमण दल को वनाग्नि नियंत्रण हेतु निर्मित फायर पट्टीयों का भी निरीक्षण कराया गया जिन फायर पट्टीयों के सहारे गर्मियों मे जंगलों की आग को अनियंत्रित होने से रोका जायेगा।
दोपहर में भ्रमण दल को जंगल बचाओ – जीवन बचाओ अभियान के मुख्य सहयोगी गांव खरकिया का भ्रमण कराया गया जहाँ महिला मंगल दल अध्यक्ष सोनिया बिष्ट, नीमा बिष्ट , गीता बिष्ट, कमला बिष्ट, रेखा बिष्ट के नेतृत्व में ग्रामीणों ने दल का भव्य स्वागत किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता तारा देवी ने तथा संचालन नरेंद्र सिंह बिष्ट द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में खरकिया गांव की मातृ शक्ति द्वारा भ्रमण दल के सदस्यों को जंगल बचाओ – जीवन बचाओ अभियान की जानकारी दी गयी। बताया कि पानी हवा और क्लाइमेट के लिए बेहद जरुरी जंगलों को बचाने में वो हमेशा वन विभाग को सहयोग दे रहे है।
शाम को भ्रमण दल को पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मानव जीवन में जंगल के महत्व, ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन की जानकारी दी गयी और स्याहीदेवी शीतलाखेत मॉडल के बारे में बताया गया।
हेम चंद्र , उप वन क्षेत्राधिकारी, विभु कृष्णा, संजय शाह, सुरेन्द्र जनोटी, मदन मोहन तिवारी, दीवान सिंह ढेला, कविता मेहता, रवि अधिकारी, तनुज कुमार, बिहारी लाल, गौरव कुमार, फार्मेसी अधिकारी गजेंद्र पाठक सहित बड़ी संख्या जंगल के दोस्त उपस्थित रहे।

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