स्याहीदेवी- शीतलाखेत मॉडल को जानने पहुँचा रानीखेत का 46 सदस्यीय दल

अल्मोड़ा:: वनाग्नि प्रबंधन के स्याहीदेवी-शीतलाखेत मॉडल के अध्ययन हेतु भूमि संरक्षण वन प्रभाग रानीखेत से 46 सदस्यों का दल कल शीतलाखेत पहुंचा।दल का भ्रमण दल…

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अल्मोड़ा:: वनाग्नि प्रबंधन के स्याहीदेवी-शीतलाखेत मॉडल के अध्ययन हेतु भूमि संरक्षण वन प्रभाग रानीखेत से 46 सदस्यों का दल कल शीतलाखेत पहुंचा।
दल का भ्रमण दल में वन कर्मी तथा सरपंच शामिल हुए।
शीतलाखेत आगमन पर महिला मंगल दल सल्ला रौतेला की महिलाओं ने भ्रमण दल का स्वागत किया।
वनाग्नि प्रबंधन के अध्ययन के पहले चरण में दल को वन विभाग और जनता के परस्पर सहयोग और तालमेल से पिछले 12 सालों से वनाग्नि से सुरक्षित रखे गए आरक्षित वन क्षेत्र का भ्रमण कराया गया. दल को बताया गया कि चीड़ की पत्तियो के कारण जंगलों में आग नहीं लगती है वरन शत प्रतिशत मामलों में मानवीय लापरवाही से जंगलों में आग आरम्भ होती है।
उप वन क्षेत्राधिकारी हेम चंद्र और जंगल के दोस्त समिति के सदस्य नरेंद्र सिंह बिष्ट द्वारा बिना पौधरोपण के जंगल विकसित करने की एएनआर पद्धति, वर्षा जल को भूजल में बदलने में बायोमास की भूमिका, आग को अनियंत्रित होने से रोकने में फायर पट्टी की उपयोगिता की जानकारी दी।
दूसरे सत्र में जंगल के दोस्त समिति के सदस्य नरेंद्र सिंह बिष्ट ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्याहीदेवी-शीतलाखेत मॉडल की जानकारी दी।
दल को बताया गया कि प्राकृतिक जल स्रोतों नौले, धारे, गाङ, गधेरों के सूखने, मानव वन्य जीव संघर्ष में लगातार वृद्धि होने तथा क्षेत्र के तापमान में वृद्धि होने का मुख्य कारण जंगलों की आग है। स्याहीदेवी-शीतलाखेत आरक्षित वन क्षेत्र में जनता और वन विभाग के परस्पर सहयोग से वनाग्नि प्रबंधन किया जाता है जिसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं।
दल को यह भी बताया गया कि स्याहीदेवी-शीतलाखेत क्षेत्र के दर्जनों गांवों में 31 मार्च से पूर्व ओण जलाने की कार्रवाई सुरक्षित रूप से समाप्त कर दी जाती है जिस कारण इस क्षेत्र में आग लगने की घटनाओं में कमी आई है।
स्याही देवी विकास मंच शीतलाखेत के सचिव श्री गणेश पाठक ने प्लास्टिक कूड़े के प्रबंधन की जानकरी दी।
पूरे कार्यक्रम में तनूजा शाह, अनिन्दय कुमार, सल्ला रौतेला के सरपंच पंकज पाठक, महिला मंगल दल सल्ला रौतेला की सदस्य अध्यक्षा कविता परिहार, पुष्पा पाठक, भावना पाठक, नीमा पाठक, प्रिया पाठक,मीना पाठक, चंपा पाठक वन दरोगा देवेन्द्र प्रसाद, हेम पाठक आदि उपस्थित थे।

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