मानसून में बारिश का कहर लगातार जारी है। वही ‘भोले’ के लिए गंगाजल लेने के लिए निकले कांविड़ियों की सांस अटक गई । गंगोत्री-गोमुख पैदल मार्ग पर चीड़बासा के समीप नदी का जलस्तर बढ़ गया। जिससे आवाजाही के लिए बनाया हुआ लकड़ी का अस्थाई पुलिया बह गया, जिसकी वजह से गोमुख में कांवड़िए सहित 38 यात्री फंस गए।
एसडीआरएफ-पुलिस ने श्रद्धालुओं को रेस्क्यू कर लिया, वही गुरुवार को बहे दिल्ली निवासी दो कांवड़ियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से अधिकांश कांवड़िए थे, जो गोमुख से गंगाजल लेने के लिए निकले थे।
गंगोत्री-गोमुख पैदल मार्ग पर चीड़बासा के समीप नदी का जलस्तर बढ़ने से लकड़ी की अस्थाई पुलिया बह गया। गोमुख क्षेत्र में फंसे कांवड़िए सहित 38 यात्रियों को शुक्रवार को रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित निकाला। जबकि नाले में बहे दो कांवड़ यात्रियों का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के बाद भी कुछ पता नहीं चल पाया है।
वहीं क्षेत्र में बारिश के कहर को देखते हुए गंगोत्री पार्क प्रशासन ने फिलहाल गोमुख यात्रा पर रोक लगा दी है। गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र के अंतर्गत गंगोत्री-गोमुख पैदल मार्ग पर गुरुवार को चीड़बासा में हिमखंड पिघलने और तेज बारिश के कारण नाला का जलस्तर बढ़ने से लकड़ी की अस्थाई पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई थी।
इस दौरान यहां से गुजर रहे दो कांवड़ यात्री दिल्ली निवासी सूरज और मोनू पुलिया टूटने पर नाले में बह गए। जबकि उनके साथ मौजूद अन्य तीसरा कांवड़ यात्री देर शाम सुरक्षित गंगोत्री धाम पहुंचा। जिसके बाद इस घटना की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी गई।
सूचना के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और शुक्रवार सुबह तड़के वन विभाग और एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम घटनास्थल के लिए रवाना हुई। दिनभर चले रेस्क्यू अभियान के बाद सभी यात्रियों को रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित गंगोत्री पहुंचाया।
38 रेस्क्यू लोगों में से यूपी सहित विभिन्न राज्यों के 25 कांवड़िए सहित वाडिया इंस्टीट्यूट देहरादून की 5 महिला समेत 8 यात्री थे। एसडीआरएफ के कमांडेट मणीकांत मिश्रा ने बताया कि रेस्क्यू टीम द्वारा फंसे हुए यात्रियों को सकुशल निकाल लिया गया है।
पार्क उप निदेशक रंगनाथ पांडेय ने बताया कि नाले में बहे कांवड़िए की तलाश को रेस्क्यू जारी है। जबकि मौसम साफ होने और पैदल रास्ता दुरूस्त होने तक गोमुख की यात्रा पर रोक लगा दी है।