वनाग्नि प्रबंधन की बारीकियां जानने पिथौरागढ़ का 36 सदस्यीय दल पहुंचा शीतलाखेत

अल्मोड़ा:: वनाग्नि प्रबंधन के स्याहीदेवी- शीतलाखेत मॉडल के अध्ययन के लिए कुमाऊँ मंडल से भ्रमण दलों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है पिथौरागढ…

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अल्मोड़ा:: वनाग्नि प्रबंधन के स्याहीदेवी- शीतलाखेत मॉडल के अध्ययन के लिए कुमाऊँ मंडल से भ्रमण दलों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है पिथौरागढ वन प्रभाग से 36 सदस्यीय दल शाम कल शीतलाखेत पहुंचा ।
महिला मंगल दल अध्यक्ष ज्योति पाठक, सरपंच पंकज पाठक, पूर्व प्रधान दिनेश पाठक, स्याहीदेवी क्षेत्रीय विकास मंच के उपाध्यक्ष पूरन सिंह नेगी के साथ उप वन क्षेत्राधिकारी हेम चंद्र ने तिलक लगाकर दल का स्वागत किया।
देर शाम को आयोजित कार्यक्रम में जंगल के दोस्त समिति के सलाहकार गजेंद्र पाठक और नरेंद्र सिंह बिष्ट ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से भ्रमण दल के सदस्यों को वर्ष 2003-04 से वन विभाग और जनता के परस्पर सहयोग और तालमेल से चलाए जा रहे जंगल बचाओ-जीवन बचाओ अभियान,ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, जंगलों की आग से उत्तराखंड के जल स्रोतों, जैव विविधता पर पड़ रहे विपरीत असर की जानकारी दी। दल के सदस्यों को बताया गया कि स्याहीदेवी-शीतलाखेत आरक्षित वन क्षेत्र से लगे दर्जनों गांवों के ग्रामीणों द्वारा 1अप्रैल से पूर्व फरवरी-मार्च महीनों में ही नियंत्रित और व्यवस्थित तरीके से ओण जलाने की कार्रवाई पूरी कर ली जाती है साथ ही वन क्षेत्र में आग आरम्भ होने के पहले आधे घंटे में आग बुझाने के प्रयास आरम्भ कर वन विभाग को सहयोग दिया जाता है, वनाग्नि प्रबंधन में जनसहयोग के कारण इस क्षेत्र में कम समय, कम नुकसान, कम संसाधनों में ही आग पर नियंत्रण पाने में सफलता मिल जाती है।
सुबह भ्रमण दल को पिछले 12 सालों से वनाग्नि से सुरक्षित एएनआर पद्धति से विकसित वन क्षेत्र का भ्रमण कराया गया ।
पूरे कार्यक्रम में स्याहीदेवी विकास मंच के सचिव गणेश पाठक, नीमा पाठक, पुष्पा पाठक, संजय शाह, देवेन्द्र जनौटी, दीवान सिंह ढेला, कुमारी कविता मेहता, प्रवीण भट्ट, गौरव कुमार, मीना पाठक, कल्पना पाठक, कविता मेहरा, प्रताप सिंह, भुवन सिंह, रमेश सिंह, पूरन सिंह आदि उपस्थित थे।

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