एसटीएफ ने देहरादून निवासी व्यक्ति को 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखने पर फर्जी सीबीआई अफसर को झारखंड से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने व्यक्ति से करीब 32 लाख रुपए की ठगी की थी। उसके खिलाफ अन्य राज्यों में भी शिकायत से दर्ज हैं।
बताया जा रहा है कि एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि जीएमएस रोड देहरादून निवासी एक व्यक्ति ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया था। उसने बताया कि 30 अक्टूबर 2024 को एक अनजान नंबर से उसे कॉल आया था। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके अवैध पार्सल जप्त कर लिया गया है।
इसके बाद इस पर मुंबई क्राइम ब्रांच के कथित अधिकारियों को कॉल से जोड़ा गया। इसके बाद व्हाट्सएप कॉल कर एक फर्जी वरिष्ठ सीबीआई अफसर से बात कराई गई जिसे गिरफ्तारी का डर देकर उन्हें 24 घंटे तक वीडियो कॉल पर रखा। इस दौरान उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय और भारत सरकार के कई नोटिस भी दिखाए गए उन्हें डरा धमकाकर खाते से करीब 32 लाख रुपये हड़प लिए।
एसटीएफ ने पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा, प्रभारी निरीक्षक त्रिभुवन सिंह रौतेला के नेतृत्व में टीम बनाई। घटना में प्रयुक्त बैंक खातों, मोबाइल नम्बरों की जांच की गई।
जांच के बाद दीपक कुमार वर्मा निवासी आजाद नगर सूदना शहर थाना डाल्टनगंज मेदिनीनगर, पलामू झारखंड की पहचान की गई। उसे शनिवार को आजादनगर सूदना से ही गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से 02 मोबाइल, संबंधित चैक बुक, आधार कार्ड आदि बरामद हुआ।
एसपी का कहना है कि डिजिटल हाउस अरेस्ट में जलसाज लोगों को उनके घरों में ही फंसा कर उनसे धोखाधड़ी करते हैं। यह धोखाधड़ी फोन या वीडियो कॉल के जरिए डर पैदा करके की जाती है।
साइबर अपराधियों द्वारा मुंबई क्राइम ब्रान्च, सीबीआई ऑफिसर, नारकोटिक्स डिपार्टमेण्ट, साइबर क्राइम, आईटी, ईडी ऑफिसर के नाम से कॉल कर लोगों को फंसाया जाता है।
लोगों के नाम से अवैध पार्सल, लेनेदेन, फर्जी दस्तावेज, नारकोटिक्स आदि की झूठी सूचना दी जाती है। ताकि लोग घबराकर अपने बैंक खातों की जानकारी दे दें। आरोपी कई बाद रिश्तेदारों के दुर्घटना में घायल होने, अपराध में लिप्त होने की झूठी सूचना भी देते हैं।