अल्मोड़ा:: रामकृष्ण परमहंस की 190वीं तिथि पूजा आज रामकृष्ण कुटीर, अल्मोड़ा में श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ संपन्न हुई। इस अवसर पर सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा और पूरे आश्रम परिसर में आध्यात्मिकता और भक्ति का वातावरण व्याप्त रहा।
पूजा-अर्चना और आध्यात्मिक अनुष्ठान
पावन दिन का शुभारंभ मंगल आरती और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ। श्रद्धालुओं ने भगवान रामकृष्ण परमहंस की आराधना करते हुए हवन किया और पुष्पांजलि अर्पित की। भक्ति संगीत और भजनों के मधुर स्वर से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
भंडारे में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया प्रसाद
पूजा-अर्चना के बाद आश्रम परिसर में महाप्रसाद (भंडारा) का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। भक्तों और आगंतुकों के स्वागत एवं प्रबंधन में आश्रम के सेवकों और स्वयंसेवकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्वामी ध्रुवेशानंद महाराज का संदेश
इस अवसर पर आश्रम अध्यक्ष स्वामी ध्रुवेशानंद महाराज ने सभी आगंतुकों का अभिनंदन करते हुए अपने संबोधन में कहा—
“रामकृष्ण देव का जीवन और उनके विचार हमें ईश्वर की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देते हैं। उनके भावपूर्ण जीवन को जानना और समझना आवश्यक है। भौतिकता और प्रतिस्पर्धा से भरे इस युग में ठाकुर जी हमें सही मार्ग दिखाते हैं और प्रेरित करते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि भगवान रामकृष्ण परमहंस जी का जीवन सादगी, भक्ति और ईश्वर के प्रति अटूट प्रेम का प्रतीक है। उनकी शिक्षाएँ हर युग में प्रासंगिक रही हैं और समाज को सत्य, करुणा एवं प्रेम का मार्ग दिखाती हैं।
भक्तों में विशेष उत्साह
पूरे दिन आश्रम परिसर में श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रही। भक्तों ने मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की और ठाकुर जी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। इस अवसर पर विभिन्न आध्यात्मिक और धार्मिक ग्रंथों का पाठ भी किया गया।