गाजीपुर से कैरन करने वाला मामला सामने आया है यहां एक सब्जी विक्रेता के बैंक खाते में 172 करोड रुपए के ट्रांजैक्शन के बारे में पता चला और उसे इनकम टैक्स न देने का नोटिस मिला। वही सब्जी विक्रेता विनोद रस्तोगी का कहना है कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
रस्तोगी के अनुसार किसी ने उसके डॉक्यूमेंट का गलत इस्तेमाल करके खाता खोला है। गहमर के मैगर राव पट्टी के रहने वाले सब्जी विक्रेता विनोद रस्तोगी के पास इनकम टैक्स के वाराणसी सर्किल से एक नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस में यूनियन बैंक ने उनकी ओर से संचालित खाते में 172 करोड रुपए की राशि के बारे में बताया है।
इन पैसों का उनकी ओर से टैक्स नहीं भरा गया है। नोटिस मिलने के बाद विनोद रस्तोगी इनकम टैक्स ऑफिस गए और वहां इस बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की जानकारी करने पर पता चला कि जिस खाते की बात आयकर विभाग कर रहा है। वह उनकी ओर से खोला ही नहीं गया है। ना हीं उन्होंने इतने बड़े अमाउंट का कोई ट्रांजैक्शन ही किया है। रस्तोगी ने आरोप लगाया कि किसी ने उनके डाक्यूमेंट्स का गलत इस्तेमाल कर खाता खोला है।
वहीं इनकम टैक्स की ओर से रस्तोगी को इस बात का भरोसा दिलाया गया है कि तथ्यों की जांच कर इस बाबत सही जानकारी हासिल की जाएगी। इनकम टैक्स की ओर से रस्तोगी को नोटिस मिला कि उसके खाते में इतने रुपए कहां से और उनका सोर्स क्या है इसके बाद इस नोटिस को लेकर विनोद रस्तोगी ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया और वहां से उन्हें साइबर सेल भेजा गया।
साइबर सेल की ओर से वेरिफिकेशन के क्रम में रस्तोगी से कुछ डॉक्यूमेंट मांगे गए। साइबर सेल के प्रभारी वैभव मिश्रा के अनुसार विनोद रस्तोगी उनके दफ्तर में आए थे। आयकर विभाग के नोटिस दिखाने के साथ ही उन्होंने घटनाक्रम का जिक्र किया है।
रस्तोगी से इस मामले में चल रहे जांच के क्रम में कुछ डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने को कहा गया है। रस्तोगी को इससे पहले जब नोटिस इनकम टैक्स की तरफ से मिली थी।तब वह पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दिए थे।वहीं ग्रामीणों की माने तो रस्तोगी इस मामले से घबराकर घर में ताला लगाकर कही चला गया है।