भारतीय कुश्ती महासंघ में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह का जलवा जारी है। संजय सिंह को 12 दिसंबर को WFI के अध्यक्ष पद पर चुना गया था। जिसको लेकर दिग्गज पहलवान साक्षी मालिक , बजरंग पुनिया व विनेश फोगाट ने मोर्चा खोल दिया है।
मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है। 🙏🏽 pic.twitter.com/PYfA9KhUg9
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) December 22, 2023
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान साक्षी मालिक कुश्ती छोड़ने का एलान किया और फूट फूट कर रोने लगी। इस बीच वह अपना जूता टेबल पर छोड़ दिया। जिसके बाद बजरंग पूनिया ने भी बड़ा ऐलान किया उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा और कहा कि वह अपना पद्मश्री लौटा देंगे। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि आपको पता होगा कि इसी वर्ष जनवरी में देश की महिला पहलवानों ने कुश्ती संघ पर काबिज बृजभूषण सिंह पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के गंभीर आरोप लगाए थे। महिला पहलवानों ने अपना आंदोलन शुरू किया मैं भी उसमे शामिल हो गया था। कहा कि जनवरी में वह अपने घर लौट गए सरकार ने कहा था कि इस पर ठोस कार्रवाई की बात कही। लेकिन मामले में तीन महीने बीतने के बाद भी एफआईआर भी दर्ज नहीं हुई जिस पर पहलवानों ने अप्रैल में दोबारा सड़क में उतरकर आंदोलन शुरू किया। लेकिन फिर भी बात नही बनी तो हमें कोर्ट में जाकर एफआईआर दर्ज करवानी पड़ी।
It is Bajrang Punia's personal decision to return Padma Shri. The WFI polls were held in fair and democratic manner: Sports Ministry sources
— Press Trust of India (@PTI_News) December 22, 2023
जनवरी में शिकायतकर्ता महिला पहलवानों की गिनती 19 थी जो अप्रैल तक आते आते 7 रह गई थी। इन तीन महीनों में अपनी ताकत के दम पर बृजभूषण सिंह ने 12 महिला पहलवानों को हटा दिया था। आंदोलन 40 दिन तक चला इन 40 दिनों में एक महिला पहलवान और पीछे हट गईं। हम सब पर बहुत दबाव आ रहा था। हमारे प्रदर्शन स्थल को तहस नहस कर दिया गया। हमें दिल्ली से बाहर खदेड़ दिया गया और हमारे प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी। जब ऐसा हुआ तो हमें कुछ समझ नहीं आया कि हम क्या करें। इस कारण हमने अपने मेडल गंगा में बहाने की सोची। जब हम वहां गए तो हमारे कोच साहिबान और किसानों ने हमें ऐसा नहीं करने दिया।
It is Bajrang Punia's personal decision to return Padma Shri. The WFI polls were held in fair and democratic manner: Sports Ministry sources
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पूनिया ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह से भी हमारी मुलाकात हुई। इसमें उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वे महिला पहलवानों के लिए न्याय में उनका साथ देंगे। कुश्ती संघ से बृजभूषण, उसके परिवार और उसके गुर्गों को बाहर करेंगे। हमने उनकी बात मानकर सड़कों से अपना आंदोलन समाप्त कर दिया, क्योंकि कुश्ती संघ का हल सरकार कर देगी और न्याय की लड़ाई न्यायालय में लड़ी जाएगी। ये दो बातें हमें तर्कसंगत लगी।
वरदान मांगूँगा नहीं… pic.twitter.com/adAu1EhnH8
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 22, 2023
बीती 21 दिसंबर को हुए कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण एक बार दोबारा काबिज हो गया है। उसने स्टेटमैंट दी कि दबदबा है और दबदबा रहेगा। महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोपी सरेआम दोबारा कुश्ती का प्रबंधन करने वाली इकाई पर अपना दबदबा होने का दावा कर रहा था। इसी मानसिक दबाव में आकर ओलंपिक पदक विजेता एकमात्र महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया।उन्होंने लिखा, ‘‘जब किसी कार्यक्रम में जाते थे तो मंच संचालक हमें पद्मश्री, खेल रत्न और अर्जुन अवार्डी पहलवान बताकर हमारा परिचय करवाता था तो लोग बड़े चाव से तालियां पीटते थे। अब कोई ऐसे बुलाएगा तो मुझे घिन्न आयेगी क्योंकि इतने सम्मान होने के बावजूद एक सम्मानित जीवन जो हर महिला पहलवान जीना चाहती है, उससे उन्हें वंचित कर दिया गया।
— Prateek Bhushan Singh (Modi ka Pariwar) (@PrateekBhushan) December 21, 2023
पूनिया ने अंत में लिखा, ‘‘मुझे ईश्वर में पूरा विश्वास है, उनके घर देर है अंधेर नहीं। अन्याय पर एक दिन न्याय की जीत जरूर होगी।’’ दिल्ली पुलिस ने रोका
जब पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और उन्हें लेटर सौंपने के लिए संसद पहुंचने की कोशिश की तो दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने उन्हें कर्तव्य पथ पर रोक दिया।
पूनिया को जब दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने रोका तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मेरे पास कोई अनुमति नहीं है। अगर आप इस पत्र को प्रधानमंत्री को सौंप सकते हैं तो ऐसा कर दीजिये क्योंकि मैं अंदर नहीं जा सकता। मैं न तो विरोध कर रहा हूं और न ही आक्रामक हूं। ’’ इसके बाद उन्होंने फुटपाथ पर पद्मश्री छोड़ दिया।
बजरंग पूनिया के फैसले पर न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्रीय खेल मंत्रालय ने कहा कि ये उनका निजी फैसला है। दोबारा विचार करने के लिए समझाने का प्रयास करेगा। डब्लयूएफआई के चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुए हैं।
रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने गुरुवार को टेबल पर अपने जूते रखकर संन्यास की घोषणा की। उनकी आंखों में आंसू थे। मलिक ने कहा, ‘‘हमने दिल से लड़ाई लड़ी, लेकिन बृजभूषण सिंह जैसा आदमी, उसका बिजनेस साझीदार और करीबी सहयोगी डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है तो मैं कुश्ती छोड़ती हूं।
विनेश फोगाट ने डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष संजय सिंह के चुने जाने पर उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ”हम जियेंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए।” फोगाट ने आज भी पोस्ट कर लिखा कि वरदान मांगूंगा नहीं।
संजय सिंह की जीत पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि दबदबा तो है, दबदबा कायम है और रहेगा। बृजभूषण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण सिंह ने एक्स पर फोटो शेयर की। इसमें भी लिखा हुआ कि दबदबा तो है, दबदबा तो रहेगा।
बता दें कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर जांच चल रही है।