शाबाश अल्मोड़ा, दिखा दिया यहां है आज भी जीवित है मानवता (humanity) की डोर

अल्मोड़ा। सांस्कृतिक नगरी का खिताब पाए अल्मोड़ा नगर में एक बार फिर मानवता साम्प्रदायिक सोच वाले तत्वों पर भारी पड़ी है। देश में भले ही…

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अल्मोड़ा। सांस्कृतिक नगरी का खिताब पाए अल्मोड़ा नगर में एक बार फिर मानवता साम्प्रदायिक सोच वाले तत्वों पर भारी पड़ी है। देश में भले ही कुछ लोगों की ओर से साजिशन इस एकता को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा हो। लेकिन अल्मोड़ा के लोगों ने दिखा दिया कि मानवता आज भी सबसे पहले अपना स्थान रखती है।

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यहां एनटीडी निवासी रहमत खान के घर पर महाराष्ट्र निवासी राम लाल तब से रहते थे जब उनकी उम्र 12 वर्ष थी। लंबी बीमारी के बाद आज उनका निधन हो गया। एक परदेशी को रहमत सहित आस पास के लोगों ने जीते जी जितना प्यार दिया उनके निधन के बाद उतना ही सम्मान उन्हें दिया गया। रहमत और उनके साथियों ने पूरे हिंदू रीति रिवाजों के साथ विश्वनाथ घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया। अल्मोड़ा की यह घटना पूरे समाज और देश को कौमी एकता का एक नया संदेश दे गई। इस प्रकरण का समाज का हर वर्ग भूरि भूरि प्रशंसा कर रहा है।