बद्रीनाथ में हुई जीत लेकिन केदारनाथ विधानसभा सीट में हुई हार, जाने यउप चुनाव में कांग्रेस के हारने की सबसे बड़ी वजह

केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में मिली हार पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस बीजेपी से चुनाव हारी नहीं बल्कि अपने लोगों से…

Won in Badrinath but lost in Kedarnath assembly seat, know the biggest reason for Congress's defeat in this by-election

केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में मिली हार पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस बीजेपी से चुनाव हारी नहीं बल्कि अपने लोगों से हारी है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की जीत नहीं है। अगर निर्दलीय और कांग्रेस प्रत्याशी एक साथ होते तो नतीजा कुछ और ही सामने आता।

निश्चित ही कांग्रेस इस उप चुनाव में जीत दर्ज करती। एक होटल में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष महारा ने कहा कि केदारनाथ उप चुनाव के परिणाम पर काफी निराशा हुई है। उन्होंने कहा पूरी पार्टी ने एकजुट होकर उपचुनाव लड़ा लेकिन परिणाम उनके पक्ष में नहीं आया। उन्होंने केदार बाबा की 300 किलोमीटर प्रतिष्ठा यात्रा के बाद भी हार मिलने पर काफी अफसोस जताया।

निर्दलीय प्रत्याशी को मिले वोटो की पीड़ा भी साफ देखने को मिली। अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत सहित तमाम विधायकों से लेकर छोटे-बड़े हजारों कार्यकर्ताओं ने केदारनाथ में जीतोड़ मेहनत की, लेकिन वह मतादाताओं को अपनी बात समझाने में नाकाम रहे।

केदारनाथ में कांग्रेस की हार पर पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि पार्टी को असली नेताओं की उपेक्षा करना काफी भारी पड़ा है। प्रत्याशी चयन से लेकर प्रचार तक के पार्टी के जमीनी नेताओं को दूर रखा गया। उन्होंने कहा कि पार्टी में कुछ नेता गढ़वाल को अपनी जागीर समझने लगे हैं।

जबकि हकीकत तो यह है कि उनका अपने क्षेत्र में कोई प्रभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि हार की जब भी समीक्षा की जाएगी। इस संबंध में हाईकमान के सामने वह अपना पक्ष जरूर रखेंगे।